आदरणीय प्रिन्सिपल महोदय, सम्मानित शिक्षक, गढ़ और मेरे प्रिय मित्रों, तो यहाँ मैं आज आप सबके सामने प्रकृति पर एक स्पीच देने जा रही हूँ ताकि हम अपने आप को।
सभी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में अवगत करा सके और ना सिर्फ हमारे आस पास के स्थान बल्कि हमारी पूरी धरती माँ को रहने के अनुकूल जगह बना सके। हम सभी को ये समझना चाहिए की पर्यावरण हमारे जीवन का झरना है।
ये न केवल मानव जीवन को निर्देशित करता है, बल्कि जीवित प्रजातियां और उनकी सभी गतिविधियों के जीवन स्तर, विकास और प्रगति को भी निर्धारित करता है। हमारे सामाजिक जीवन की गुणवत्ता का हमारे वातावरण की गुणवत्ता के साथ सीधे संबंध है।
यहाँ तक कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी ने भी हमारी जिंदगी पर बहुत प्रभाव डाला है, तो हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जीवित प्रजातियां के रूप में हमें अपने जीवन के लिए हमारे प्राकृतिक परिवेश के अनुकूल होने की जरूरत है।
मानव सभ्यता परिस्थिति के तंत्र में निहित होती हैं और हमारे कार्य सीधे इस प्रणाली को प्रभावित करते हैं। तकनीकी उन्नति की सहायता से इंसान कुछ हद तक अपने पर्यावरण को नियंत्रित करने की क्षमता से निपुण हो गया है, लेकिन इसका अनुचित उपयोग परिस्थितिक संकट को जन्म देता है।
प्रकृति की शक्तियां को नियंत्रित करने के लिए अनौपचारिक तकनीकी हस्तक्षेप ने विभिन्न तरीकों से अपना क्रोध दर्शाया हैं। जैसे सुनामी, बाढ़, सुखा, गर्म हवाएं, जंगलों में आग लगना आदि।
प्राकृतिक आपदाओं के अलावा पर्यावरण को पहुंचाई क्षति और परिवतनी है जैसे भूमिगत जल में कमी, ताजा पीने के पानी की भारी कमी और जंगलों का कम होना, मिट्टी और प्रवाल भितियों का बहना, पौधों का गायब होना और जीवों का नुकसान।
तेजी से जानवरों की विभिन्न प्रजातियां के विलुप्त होने के साथ साथ मत्स्य पालन में असफलता, जल और वायु का बढ़ता प्रदूषण, ग्लोबल वार्मिंग के कारण तापमान में वृद्धि, ओजों के परत में छेद का बढ़ना और समुद्र नदियों और भूमिगत संसाधनों में गंदगी के माध्यम से जहर मिलना। प्राकृतिक संसाधनों के इस निरंतर कमी से।
हम अपने खुद के जीवन को बड़े संकट में डाल रहे हैं और वह दिन दूर नहीं होगा जब पीने का पानी, ताज़ी हवा, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पृथ्वी पर मौजूद ऊपरी सतह की मिट्टी हमारे भविष्य की पीढ़ी के इस्तेमाल के लिए बिल्कुल नहीं बचेगी। इसलिए यही सही समय है कि हम अपने पर्यावरण पर घनिष्ठ नजर रखें और इसको संभावित खतरों, विशेष रूप से शोषक मानव गतिविधियों से बचाएं।
अंत मै यही कहयना चाहती हूं. अपने प्रकृति से प्यार करिए इसकी मौजूदगी और चीजे जो हमे मिलती हैं उस महत्त्व को जानिए।
प्रकृति के ऊपर 10 लाइन स्पीच स्टूडेंट के लिए
- प्रकृति एक अनमोल उपहार है।
- यह हमारे चारों और है।
- यह हमारी दुनिया का एक आकर्षक और सुंदर हिस्सा है।
- इसमें पेड़, पौधे, जानवर और यहां तक कि आकाश भी शामिल है।
- प्रकृति हमारी वास्तविक माँ की तरह है।
- यह हमें वह चीजें प्रदान करती है जिनकी हमें आवश्यकता है।
- यह हमारे लिए एक सुरक्षा कवच के समान है।
- प्रकृति का ध्यान रखना जरूरी हैं!
- इसे बचाना हर एक मनुष्य का कर्तव्य और जिम्मेदारी है।
- हमें इसकी सराहना और संरक्षण करना चाहिए ।